Aarti of Sri Sri Durga Maa,श्री श्री दुर्गा की आरती pdf,দুর্গা আরতি,Aarti of Sri Sri Durga maa,দুর্গা আরতি,दुर्गा जी की आरती हिंदी अंबे गौरी,আরতি দুর্গা মা কি,দূর্গা পূজার সন্ধ্যা আরতি,দূর্গা পূজার আরতির গান,
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Aarti of Sri Sri Durga Maa
Jagjanani! Win! Mom! Jagjanani! Win! victory
Boiharini Bhavatarini Bhavabhamini Joy Joy ॥
You are honest, happy, pure Brahmarupa.
Civilization Sanatan Sunder after Shiva Sur Bhupa. The world .
Adi Aadi Anamay Steadfast and indestructible
Amal Ananta Gochar Aaj Anandarashi ॥ The world Abikari, Aghahari, Akal Kaladhari.
Karta Vidhi, Bharta Hari, Destroyer. the world
Thou Vidhi, bride Rama, thou Uma, Mahamaya.
The original nature, Vidya Tu, Tu Janani, Jaya. the world
Rama, Krishna Tu, Sita, Brajrani Radha.
You banchakalpadruma, Harini all hindrances. the world
Dasavidy Nava Durga, armed with various weapons.
Ashta Matrika, Yogini, Nava Nava Rupadhara. the world
You are Pardhamanivasini, you are Mahavilasini.
You are the crematorium, Tandavalasini, the world.
Sur Munimohini Soumya Tu Shobhadhara.
Vibsana is fierce, cataclysmic. section the world
You are affectionate, you are very kind.
Bejeweled Tu Hi Tuhi Asthi Bana || the world
Resident of Muladhar, Siddhiprade after Har.
Kalatita Kali, Kamala Tu Barde the world
Shakti Shakthar Tu Hi Nitya Undifferentiated.
Bhed Pardashini Bani Bimal. Vedatrayi | the world
Hmm very poor mother! Danger surrounds the net.
Hai kuputra ati kapti, par balak tere || the world Mother of her own nature! Merciful J.
Have mercy, merciful! Charan Charan the J | The world
শ্রীশ্রীদুর্গার আরতি
জগজননী ! জয় ! মাঁ !জগজননী ! জয় ! জয়
ভয়হারিণী ভবতারিণী ভবভামিনী জয় জয় ॥
जगजननी! विजय! माँ जगजननी ! विजय! विजय
बोहरिणि भवतारिणी भवभामिनी जोय जोय॥
आप ईमानदार, सुखी, निर्मल ब्रह्मरूपा हैं।
शिव सुर भूपा के बाद सभ्यता सनातन सुंदर। दुनिया .
आदि आदि अनामय अचल और अविनाशी
अमल अनंत गोचर आज आनंददरशी॥ दुनिया अबकारी, अघाहरी, अकाल कलाधारी।
कर्ता विधि, भरत हरि, विनाशक। दुनिया
तू विधि, वधू राम, तू उमा, महामाया।
मूल स्वरूप विद्या तू, तू जननी, जया। दुनिया
राम, कृष्ण तू, सीता, ब्रजरानी राधा।
तू बंचककल्पद्रुम हरिणि सब विघ्न॥ दुनिया
दशविद्य नव दुर्गा, नाना प्रकार के शस्त्रों से सुसज्जित।
अष्ट मातृका, योगिनी, नव नव रूपधारा। दुनिया
तुम परधमनिवासिनी हो, तुम महाविलासिनी हो।
तुम श्मशान, तांडवलसिनी, जगत।
सुर मुनिमोहिनी सौम्य तू शोभद्रा।
विबसना भयंकर, प्रलयकारी है। अनुभाग दुनिया
आप स्नेही हैं, आप बहुत दयालु हैं।
बेज्वेल्ड तू ही तुही अस्थि बना || दुनिया
हर के बाद मूलाधार, सिद्धिप्रदेश निवासी।
कलातिता कलि, कमला तू बर्दे दुनिया
शक्ति शाक्तर तू ही नित्य अभेद।।
भेद परदाशिनी बानी बिमल। वेदत्रयी | दुनिया
हम्म बहुत गरीब माँ! जाल के चारों ओर खतरा है।
है कुपुत्र अति कपति, पर बालक तेरे || दुनिया अपने स्वभाव की माँ! दयालु जे.
दया करो, दयालु! चरण चरण जे | दुनिया
তুঁ হি সৎ চিৎ সুখময় শুধ্ব ব্রহ্মরূপা ।
সভ্য সনাতন সুন্দর পর শিব সুর ভূপা ॥ জগ ৷
।
আদি অনাদি অনাময় অবিচল অবিনাশী
অমল অনন্ত অগোচর অজ আনন্দরাশী ॥ জগ ৷৷
অবিকারী , অঘহারী ,অকল কলাধারী ।
কর্তা বিধি , ভর্তা হরি , সংহারকারী । জগ ॥
তু বিধি , বধূ রমা , তু উমা , মহামায়া ।
মূল প্রকৃতি , বিদ্যা তু, তু জননী ,জায়া ॥ জগ ॥
রাম , কৃষ্ণ তু , সীতা ,ব্রজরাণী রাধা ।
তু বাঞ্ছাকল্পদ্রুম, হারিণী সব বাধা । জগ ॥
দশবিদ্যা নব দুর্গা,নানা শস্ত্রধরা ।
অষ্ট মাতৃকা , যোগিনী , নব নব রূপধরা । জগ ॥
তু পরধামনিবাসিনী , মহাবিলাসিনী তু ।
তু হী শ্মশানবিহারিণী , তাণ্ডবলাসিনী তু ।জগ ॥
সুর মুনিমোহিনী সৌম্যা তু শোভাধারা ।
বিবসন বিকট স্বরূপা, প্রলয়ময়ী । ধারা ॥ জগ ॥
তু হী স্নেহসুধাময়ী, তু অতি গরলমনা ।
রত্নবিভূষিত তু হী তুহী অস্থি বনা || জগ ॥
মূলাধার নিবাসিনী , হর পর সিদ্ধিপ্রদে।
কালাতীতা কালী , কমলা তু বরদে ৷ জগ ॥
শক্তি শক্তিধর তু হী নিত্য অভেদময়ী ।
ভেদ প্রদর্শিনী বাণী বিমলে । বেদত্রয়ী | জগ ॥
হম অতি দীন দুঃখী মা ! বিপদ জাল ঘেরে ।
হ্যায় কুপুত্রঅতি কপটি , পর বালক তেরে || জগ ॥
নিজ স্বভাব বশ জননী ! দয়াদৃষ্টিকী জে ॥
করুণা কর করুণাময়ী ! চরণ শরণ দী জে | জগ |
श्री श्री दुर्गा की आरती
बोहरिणि भवतारिणी भवभामिनी जोय जोय॥
आप ईमानदार, सुखी, निर्मल ब्रह्मरूपा हैं।
शिव सुर भूपा के बाद सभ्यता सनातन सुंदर। दुनिया .
आदि आदि अनामय अचल और अविनाशी
अमल अनंत गोचर आज आनंददरशी॥ दुनिया अबकारी, अघाहरी, अकाल कलाधारी।
कर्ता विधि, भरत हरि, विनाशक। दुनिया
तू विधि, वधू राम, तू उमा, महामाया।
मूल स्वरूप विद्या तू, तू जननी, जया। दुनिया
राम, कृष्ण तू, सीता, ब्रजरानी राधा।
तू बंचककल्पद्रुम हरिणि सब विघ्न॥ दुनिया
दशविद्य नव दुर्गा, नाना प्रकार के शस्त्रों से सुसज्जित।
अष्ट मातृका, योगिनी, नव नव रूपधारा। दुनिया
तुम परधमनिवासिनी हो, तुम महाविलासिनी हो।
तुम श्मशान, तांडवलसिनी, जगत।
सुर मुनिमोहिनी सौम्य तू शोभद्रा।
विबसना भयंकर, प्रलयकारी है। अनुभाग दुनिया
आप स्नेही हैं, आप बहुत दयालु हैं।
बेज्वेल्ड तू ही तुही अस्थि बना || दुनिया
हर के बाद मूलाधार, सिद्धिप्रदेश निवासी।
कलातिता कलि, कमला तू बर्दे दुनिया
शक्ति शाक्तर तू ही नित्य अभेद।।
भेद परदाशिनी बानी बिमल। वेदत्रयी | दुनिया
हम्म बहुत गरीब माँ! जाल के चारों ओर खतरा है।
है कुपुत्र अति कपति, पर बालक तेरे || दुनिया अपने स्वभाव की माँ! दयालु जे.
दया करो, दयालु! चरण चरण जे | दुनिया
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